डरावनी कहानियों में 'डर' नामक रस की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। डरावनी कहानियों में राक्षसों के साथ आदि की कल्पना स्वाभाविक रूप से की जाती रही है । डरावनी कहानियों का इतिहास बहुत पुराना और विविधताओं से भरा है।
डरावनी कहानियों में पशु-पक्षियों, जड़ वस्तुओं को अविश्वसनीय आचरण करते हुए दिखाया जाता है, जिससे पाठक हैरान हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, पेड़-पौधों और पत्थरों का बोलना, पहाड़ों का चलना-फिरना, पशु-पक्षियों का मनुष्यवत् आचरण करना आदि। वह कल्पना की दुनिया है, वास्तविकता से परे | पाठक- श्रोता सामान्यतः मनोरंजन की चाहत में कहानी के के पास आते है।
अपने मूल में डरावनी कहानियाँ अच्छाई और बुराई के संघर्ष के बीच अच्छाई की जीत का भरोसा दिलाती हैं, जिन्हें आगे चलकर कवियों, कहानीकारों और इतिहासकारों ने अपनी-अपनी प्रतिभा से सँवारा है। डरावनी कहानियों में राक्षस की मौजूदगी इतनी महत्त्वपूर्ण नहीं है, जितना यह विश्वास कि उसे परास्त किया जा सकता है। भय, रोमांच, कौतूहल, जिज्ञासा, आशंका एवं अनिश्चितता से भरी ये कहानियाँ पाठकों को डराएँगी, लेकिन साथ ही सुखांत का सुख भी देंगी।