जिन लोगों ने देश को स्वाधीन कराने का स्वप्न देखा, इसकी कल्पना की और दृढ निश्चय कर अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया, उनका पुण्य स्मरण करना हमारा पुनीत कर्तव्य है। उनके बलिदान को आज की युवा पीढ़ी तक पहुँचाना हमारा परम धर्म है। जिस आजादी की हवा में हम साँस ले पा रहे हैं, अपने लिए, अपने घर-परिवार के लिए कुछ कर पा रहे हैं, इसमें कहीं-न-कहीं उन सभी के बलिदान की सुगंध है। इसलिए इन हुतात्माओं को कोटि-कोटि वंदन- अभिनंदन !
शहीदों से जुड़े स्थानों पर जाना, उनको समय-समय पर याद करना व उनको श्रद्धांजलि देना, यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा होना चाहिए। आनेवाली पीढ़ियों को अपने गौरवमयी अतीत व हमारे शूरवीरों के महान् जीवन से परिचय करवाना हम सबका धर्म बनता है।
राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करनेवाले हुतात्माओं की एक लंबी श्रृंखला है। उनमें से 50 अमर सपूतों के प्रेरणाप्रद जीवन से पाठकों को परिचित कराने का यह उपक्रम है, जो निश्चित रूप से हर भारतीय को पढ़ना ही चाहिए।
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Specifications
Book Details
Publication Year
2024 May
Number of Pages
334
Contributors
Author Info
4 सितंबर, 1975 को दिल्ली में जनमे ऋषि राज दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में संयुक्त महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं । वर्ष 1994 में भारतीय रेलवे में नियुक्ति से भारत-भ्रमण को शुरुआत हुई । अभी तक देश के सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर घूम चुके हैं और वैश्विक स्तर पर एशिया, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया एवं यूरोप के कुल ग्यारह देशों का भ्रमण कर चुके हैं। धार्मिक दृष्टि से वे कैलाश मानसरोवर, बारह ज्योतिर्लिंग एवं चारों धाम की यात्रा भी कर चुके हैं।
प्रकाशित कृतियाँ : 'कैलाश दर्शन : कुछ यादें, कुछ बातें', 'अतुल्य भारत की खोज', “देशभक्ति के पावन तीर्थ", 'एक भारतीय की जापान यात्रा -ये सभी पुस्तकें भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के ' राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार ' से सम्मानित; कारगिल - एक यात्री की जुबानी '।
वर्ष 2019 में लेखक ने एक नवीन विधा के माध्यम से बच्चों को राष्ट्रीय महत्त्व की ऐतिहासिक घटनाओं से परिचित करवाने के लिए चित्रावली माध्यम को अपनाया | इस कड़ी में सबसे पहले जलियाँवाला बाग हत्या कांड के 100 वर्ष पूरे होने पर प्रकाशित हुई 'सुनो बच्चो, जलियाँवाला बाग की कहानी ' और फिर वर्ष 2022 में भारतीय सेना के परमवीर व महावीर योद्धाओं की जीवन- गाथा को दरशाती सात चित्रावलियों का भी लेखन किया।
इसके अलावा ऋषि राज अभी तक देशभक्ति तथा भारत के प्रमुख पर्यटन व ऐतिहासिक स्थलों से जुड़ी करीब 218 लघु-फिल्मों का भी निर्माण कर चुके हैं, जो इनके यू-ट्यूब चैनल 'Exploring India With Rishi' पर उपलब्ध हैं ।