जब आप दुःखी होते हैं तो फिर एक बार अपने हृदय में झाँकिए और आप देखेंगे कि वास्तव में आप उस चीज के लिए रो रहे हैं, जो आपकी खुशी का स्रोत था। आपमें से कुछ लोग कहते हैं, 'दुःख से बड़ा सुख होता है,” और दूसरे लोग कहते हैं, “नहीं, दुःख उससे भी बड़ा है।
लेकिन मैं आपको कहता हूँ कि वे अवियोज्य हैं।
दोनों साथ ही आते हैं और जब एक अकेला आपके साथ बैठता है तो याद रखिए कि दूसरा आपके बिस्तर पर सो रहा है।
वास्तव में आप अपने सुख और दुःख के बीच तराजू की तरह लटके रहते हैं | जब आप इन दोनों भावनाओं से परे खाली होते हैं, तभी आप स्थिर और संतुलित होते हैं —इसी पुस्तक से
'द प्रोफेट' प्रसिद्ध दार्शनिक व लेखक खलील जिब्रान की उत्कृष्ट और कालजयी रचना है। 1923 में प्रकाशित इस रचना का अब तक 20 से भी अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है | केवल अमेरिकी संस्करण में ही इसकी लगभग एक सौ करोड़ से अधिक प्रतियाँ बिक चुकी हैं। जीवन में सुख, संतोष, आनंद की महत्ता बताकर मानव जीवन की सार्थकता रेखांकित करनेवाली पठनीय व प्रेरक पुस्तक।
Read More
Specifications
बुक डिटेल्स
इम्प्रिन्ट
प्रभात प्रकाशन
पब्लिकेशन ईयर
2022 जुलाई
एडिशन टाइप
1st
बुक टाइप
जनरल बुक
नंबर ऑफ पेजेस
128
कंट्रीब्यूटर
ऑथर इन्फो
सुप्रसिद्ध लेबनानी लेखक, कवि, दार्शनिक एवं कलाकार खलील जिब्रान का जन्म 6 जनवरी, 1883 को लेबनान के बथरी नगर में एक संपन्न परिवार में हुआ। बहुमुखी प्रतिभा के धनी जिब्रान खुद को चित्रकार कहलाना ज्यादा पसंद करते थे। उन्होंने बेरूत, बोस्टन और पेरिस से अपनी शिक्षा प्राप्त की। अपने जीवन का अधिकांश समय उन्होंने संयुक्त राज्य अमरीका में बिताया | उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध रचनाएँ भी अंग्रेजी में ही अनूदित हैं।
आरंभिक दौर में उन्होंने संयुक्त राज्य में ही एक अरबी समाचार-पत्र के लिए कुछ रेखाचित्र बनाए और सरल भाषा में लघु कथाएं, कविताएँ तथा गद्य-पद्य की भी रचना की, जिनमें नई वैश्विक दुनिया के मध्य-पूर्वी आप्रवासियों के अनुभवों और अकेलेपन की पीड़ा दरशाई गई है। जिब्रान को आधुनिक अरबी साहित्य के माध्यम से प्रेम का प्रसार करने के लिए भी सराहा जाता है प्रेम का संदेश देकर उन्होंने अरबी साहित्य की रूपरेखा ही बदल दी और एक बड़े पाठकवर्ग को अपना प्रशंसक बना लिया।
10 अप्रैल, 1931 को इस महान् लेखक ने दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन अपनी रचनाओं के माध्यम से वे आज भी साहित्य-जगत् में अमर हैं ।