पचास बरस का बेकार आदमी -
'पचास बरस का बेकार आदमी' कथाकार रवीन्द्र वर्मा का दूसरा कहानी संग्रह है। इस संग्रह में चालीस कहानियाँ सम्मिलित हैं। रवीन्द्र वर्मा ने अपनी कहानियों के लिए एक अनूठे रूपाकार को अपनाया। यह कहना अधिक शुद्ध होगा कि कहानियों की अन्तर्वस्तु ने ही अभिव्यक्ति के लिए एक 'स्वायत्त अनुशासन' अर्जित किया हैं। रवीन्द्र वर्मा ऐसी अभिव्यंजक विशिष्ट, छोटी कहानियाँ रचनेवाले एक विरल कहानीकार हैं।
प्रस्तुत संग्रह की समस्त कहानियाँ एक गहरे अर्थ में मनुष्य के लिए छोटे-बड़े चक्रव्यूह निर्मित करती व्यवस्था को रेखांकित करती हैं। इस व्यवस्था के अनेक चेहरे हैं, मुखौटे तो अगणित। रवीन्द्र वर्मा आधुनिकता, प्रगति और सामाजिकता आदि शब्दों को अपनी संवेदना के प्रकाश में पहचानना चाहते हैं। आसपास मौजूद धारावाहिक जीवन से कोई एक सूत्र सहेज कर वे किसी ऐसे 'सामाजिक सत्य' की बुनावट उद्घाटित करते हैं जिसकी छाया हमारे ऊपर मँडराती रहती है। छाया का यथार्थ और यथार्थ की छाया का मर्म निरूपित करती रवीन्द्र वर्मा की कहानियाँ अपनी मौलिकता के लिए लगातार चर्चा में रही हैं।
सांकेतिकता, संश्लिष्टता और श्लेषात्मकता के श्रेष्ठ लक्षणों से रवीन्द्र वर्मा ने रचनात्मक लाभ उठाया है। उनकी रचनाशीलता में स्वतःस्फूर्त 'अन्तःसम्पादन' है, इसलिए इन कहानियों में व्यक्त पंक्तियाँ जितनी दिखती हैं उससे अधिक विस्तृत वे हैं। रवीन्द्र वर्मा की भाषा ने सदैव अचूक प्रभाव छोड़ा है। ऐसी अनेक विशेषताओं के साथ वे अपनी कहानियों में मनुष्य के मन की थाह लगाते हैं। इस प्रक्रिया में वे प्रायः अप्रत्याशित तक जा पहुँचते हैं। यहाँ तक कि कुछ कहानियाँ अपने सादा और वीतराग अन्त में भी एक अनहोना छिपाये रहती हैं। 'पचास बरस का बेकार आदमी' रवीन्द्र वर्मा का एक महत्त्वपूर्ण कहानी-संग्रह है, पाठक भी ऐसा ही अनुभव करेंगे।
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Specifications
Book Details
Imprint
Jnanpith Vani Prakashan
Publication Year
2011
Contributors
Author Info
रवीन्द्र वर्मा -
जन्म: 1-12-1936, झाँसी (उत्तर प्रदेश)।
शिक्षा: प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी में। 1959 में प्रयाग विश्वविद्यालय से एम.ए. (इतिहास)।
सन् 1965 से कहानियों का पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशनारम्भ। अपनी विशिष्ट छोटी कहानियों के रूप में एक नयी कथा-विधा के प्रणेता माने जाते हैं।
कृतियाँ: 'कोई अकेला नहीं है', 'पचास बरस का बेकार आदमी' (कहानी-संग्रह); 'क़िस्सा तोता सिर्फ़ तोता', 'गाथा शेख़चिल्ली', 'माँ और अश्वत्थामा', 'जवाहरनगर', 'निन्यानवे', 'पत्थर ऊपर पानी', 'मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगा', 'दस बरस का भँवर', 'आख़िरी मंज़िल' (उपन्यास)। कुछ आलोचनात्मक लेखन भी।
कुछ कहानियों का देशी-विदेशी भाषाओं में अनुवाद। 'आख़िरी मंज़िल' का पंजाबी में।
Dimensions
Height
220 mm
Length
140 mm
Weight
200 gr
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